मुंबई से चंद्रकांत शिंदे और दिल्ली से नेशनल रिपोर्टिंग टीम. महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को नतीजे आए, लेकिन भाजपा-शिवसेना के बीच बात बिगड़ती चली गई। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर 12 नवंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। 12 दिन का यह राष्ट्रपति शासन शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक चले 12 घंटे से भी कम वक्त के घटनाक्रम में खत्म हो गया। दैनिक भास्कर को मिली अब तक की जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार रात राकांपा प्रमुख शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच बैठक खत्म होने के बाद पवार के भतीजे अजित सक्रिय हुए और उन्होंने आधी रात काे भाजपा से एकतरफा गठबंधन कर लिया।
पृष्ठभूमि : मोदी ने राकांपा सांसदों की तारीफ की, पवार मोदी से मिले
- सूत्रों के मुताबिक, पांच दिन पहले देवेंद्र फडणवीस जब दिल्ली आए तो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें हरी झंडी दे दी।
- बीते सोमवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के 250वें सत्र को संबोधित करने के दौरान राकांपा सांसदों की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था- राकांपा के सांसदों ने नियमों का पालन किया और कभी सदन के वेल में नहीं आए। यह अनुशासन दूसरों को भी सीखना चाहिए।
- इसके दो दिन बाद बीते बुधवार को शरद पवार ने मोदी से दिल्ली में मुलाकात की। कहा गया कि यह मुलाकात किसानों के मुद्दे पर थी, लेकिन इसी बैठक में साझेदारी की बात तकरीबन तय हो गई थी।
अजित पवार के बगावत करने की वजह
बताया जा रहा है कि जब शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा में सरकार गठन को लेकर बात चल रही थी, तब कांग्रेस गृह, राजस्व विभाग और स्पीकर के पद के लिए अड़ी थी। राकांपा स्पीकर का पद और राजस्व विभाग पर दावा छोड़ने को तो राजी हो गई, लेकिन नई सरकार में वह गृह और वित्त विभाग अपने पास रखना चाहती थी। इसी वजह से शुक्रवार को तीनों दलों की संयुक्त बैठक में विभागों के बंटवारे पर कोई निष्कर्ष नहीं निकला। इस मुद्दे पर शनिवार दोपहर को बात होनी थी। अजित पवार इस पूरी बातचीत से असंतुष्ट थे। इसलिए भाजपा से उपमुख्यमंत्री पद का ऑफर मिलने के बाद उन्होंने पाला बदल लिया। अजित पवार ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री की पद की मांग पर पहले अड़े हुए थे, लेकिन बाद में उप मुख्यमंत्री पद पर मान गए।
शुक्रवार शाम से बदले घटनाक्रम
1) शुक्रवार शाम 7:30 बजे
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने शुक्रवार शाम पहली बार संयुक्त बैठक की। बैठक के बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उद्धव के नेतृत्व पर सभी सहमत हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या उद्धव ही सीएम हाेंगे ताे चिल्लाकर बोले- 'आपको हिंदी समझ नहीं आती क्या? सरकार का नेतृत्व उद्धव ही करेंगे।'
2) रात 8:30 बजे
देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से संपर्क किया और सरकार बनाने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद उन्होंने अजित पवार से संपर्क किया। शिवसेना नेताओं के साथ मौजूद अजित पवार अचानक बैठक छोड़कर चले गए। माना जा रहा है कि राकांपा विधायक दल के नेता अजित पवार ने पार्टी विधायकों के दस्तखत किए हुए पत्र भाजपा नेताओं को सौंप दिए। ये वही पत्र थे, जो शिवसेना के साथ सरकार बनाने के मकसद से राकांपा विधायकों से लिए गए थे। इसके बाद अजित पवार ने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया। इस बीच, रात 9 बजे की फ्लाइट से भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव दिल्ली से मुंबई पहुंचे।
3) रात 12 बजे
भाजपा और अजित पवार धड़े के नेता राजभवन पहुंचे। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया। फडणवीस चाहते थे कि शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा को इसकी भनक भी न लगे, इससे पहले उन्हें शपथ दिला दी जाए। इसके बाद राज्यपाल ने सूचित किया कि शपथ ग्रहण सुबह के वक्त होगा।
4) रात 1 से तड़के 5 बजे के बीच
- रात करीब एक बजे राकांपा विधायक दल के नेता के तौर पर अजित पवार ने विधायकों की बैठक ली। रात करीब 2 बजे विधायकों के समर्थन की चिट्ठी लेकर गवर्नर के पास गए। इसके बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन हटाने का मेल राष्ट्रपति को भेजा।
- इस प्रक्रिया के बारे में संविधान विशेषज्ञ पीडीटी अचारी ने बताया, "जब भी गवर्नर राष्ट्रपति शासन को हटाने की अनुशंसा करते हैं, तो इसके लिए कैबिनेट के बहुमत की मंजूरी अनिवार्य होती है। सभी कैबिनेट सदस्य अपनी सहमति के हस्ताक्षर करते हैं। मंजूरी का प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेजा जाता है और उसके बाद राष्ट्रपति राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के निर्णय को वापस लेते हैं।''
- महाराष्ट्र के मामले में इस सिफारिश को मंजूरी के लिए कैबिनेट के सदस्यों के समक्ष रात में ही रखा गया। इस पर सभी कैबिनेट सदस्यों ने रात में ही हस्ताक्षर किए। कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव जब राष्ट्रपति को मिला तो उन्होंने शनिवार तड़के राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश जारी कर दिया।
- जब कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से पूछा गया कि राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए क्या रात में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई? तो उन्होंने कहा कि -बिजनेस कंडक्ट रूल नंबर-12 के मुताबिक प्रधानमंत्री के पास कैबिनेट का अधिकार समाहित होता है। इसके मुताबिक वे फैसला लेने के बाद उसे कैबिनेट के पास रख सकते हैं।
- रात 2 बजे से तड़के 5 बजे के बीच प्रधानमंत्री की ओर से सहमति का पत्र राष्ट्रपति को मिला और करीब पौने छह बजे राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश जारी कर दिया।
5) सस्पेंस: शपथ ग्रहण कब हुआ?
- शपथ ग्रहण के समय को लेकर अलग-अलग जानकारी सामने आ रही है। एक जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति ने सुबह 5:15 बजे महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाया और उसी वक्त राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी।
- न्यूज एजेंसी एएनआई ने सुबह 8 बजे के आसपास यह खबर जारी की। हालांकि, न्यूज एजेंसी पीटीआई ने शपथ ग्रहण का समय सुबह 7:30 बजे बताया। बताया जा रहा है कि राजभवन से न्यूज एजेंसियों को कहा गया था कि वे शपथ ग्रहण की खबर सुबह 8 बजे के बाद ही जारी करें।